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जेट एयरवेज के पुनरुद्धार पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, एयरलाइन का समाप्त करने का आदेश
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने जेट एयरवेज के पुनरुद्धार की कोशिशों को विराम देते हुए एयरलाइन के परिसमापन का आदेश जारी कर दिया है। यह फैसला जलान-कलरॉक कंसोर्टियम (JKC) द्वारा प्रस्तावित पुनरुद्धार योजना के असफल होने के बाद लिया गया है। इस निर्णय के तहत, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) को एक परिसमापक नियुक्त करने और एयरलाइन के परिसमापन की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया गया है।
जेट एयरवेज, जो अप्रैल 2019 से ही संचालन से बाहर है, के पुनरुद्धार के लिए JKC ने एक विस्तृत योजना प्रस्तुत की थी। इस योजना को पहले नेशनल कंपनी लॉ अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) से मंजूरी मिल गई थी, जिसमें JKC को एयरलाइन के स्वामित्व में लाने के आदेश दिए गए थे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि यह योजना पूरी तरह से लागू नहीं की जा सकी, और कर्जदाता समिति (CoC) ने इसे संतोषजनक नहीं माना।
इस मामले में, कोर्ट ने JKC द्वारा जमा किए गए ₹200 करोड़ की राशि को भी जब्त करने का आदेश दिया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने JKC को एयरलाइन की पुनर्संरचना की दिशा में ठोस कदम उठाने और बैंक गारंटी जमा करने का निर्देश दिया था, लेकिन इन शर्तों को पूरा नहीं किया गया। कर्जदाताओं ने पुनरुद्धार के लिए लगाई गई रकम को देखते हुए इसे विफल योजना करार दिया था।
NCLT अब इस मामले में एक परिसमापक नियुक्त करेगा जो जेट एयरवेज की संपत्तियों का आकलन कर परिसमापन प्रक्रिया को अंजाम देगा। इसके तहत एयरलाइन की संपत्तियों को बेचकर कर्जदाताओं के बकाया राशि का भुगतान करने की कोशिश की जाएगी।
इस फैसले के साथ ही जेट एयरवेज के पुनरुद्धार की सभी संभावनाएं समाप्त हो गई हैं, और अब एयरलाइन के परिसमापन की दिशा में आगे बढ़ा जाएगा। एयरलाइन के कर्मचारियों और उन सभी हितधारकों के लिए यह एक बड़ा झटका है जो पिछले कुछ वर्षों से इसके पुनरुद्धार की उम्मीद कर रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला वित्तीय मामलों में सख्त अनुशासन और प्रतिबद्धता के पालन का संदेश देता है, खासकर उच्च-प्रोफाइल मामलों में |
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