सिख कर्मचारियों में गुस्सा | नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) द्वारा लगाए गए एक नए आदेश का विरोध किया है, जिसमें हवाई अड्डों पर ड्यूटी के दौरान कृपाण पहनने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता ने हाल ही में सिख कर्मियों के लिए नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) द्वारा लगाए गए एक नए आदेश का विरोध किया है, जिसमें हवाई अड्डों पर ड्यूटी के दौरान कृपाण पहनने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस आदेश को अस्वीकार्य बताते हुए, उन्होंने कहा कि इससे देश भर के हवाई अड्डों पर कार्यरत सिख श्रमिकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इस प्रतिबंध के चलते अमृतसर के श्री गुरु राम दास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे सहित अन्य हवाई अड्डों पर अमृतधारी सिख कर्मियों को टर्मिनल क्षेत्रों में प्रवेश से रोका गया है, जिससे वहां कार्यरत सिख कर्मचारियों के लिए कठिनाइयाँ पैदा हो रही हैं।
उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्रालय और बीसीएएस से आग्रह किया है कि इस आदेश को तुरंत वापस लिया जाए, क्योंकि कृपाण (श्री साहिब) सिख धर्म में अत्यधिक धार्मिक महत्व रखता है और यह गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा सिखों को दिए गए पांच ककारों में से एक है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रत्येक नागरिक को अपनी धार्मिक मान्यताओं को बनाए रखने का अधिकार है और इस तरह का प्रतिबंध सिख समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने इसे धार्मिक असहिष्णुता और भेदभाव का एक उदाहरण बताते हुए कहा कि ऐसी नीतियों का भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में कोई स्थान नहीं है।
उन्होंने इस निर्देश की निंदा करते हुए इसे भाजपा सरकार द्वारा सिख समुदाय और उनकी मान्यताओं को कमजोर करने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि यह एक चिंताजनक प्रवृत्ति है, जो भाजपा द्वारा सिख विरोधी भावनाओं और नफरत भरे भाषणों के बढ़ते पैटर्न का हिस्सा है। शिरोमणि अकाली दल के इस नेता ने सिखों के अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखने की बात कही और सभी पंजाबियों से अपील की कि वे धार्मिक स्वतंत्रता और समानता के इस संघर्ष में उनका साथ दें|
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