महिला सहभागिता की अहमियत: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी पर जोर दिया और भविष्य में समान अवसर सुनिश्चित करने की आवश्यकता बताई।
परिवार का समर्थन: उन्होंने कहा कि शिक्षा और प्रशिक्षण के अलावा, महिलाओं के लिए परिवार का समर्थन भी महत्वपूर्ण है, ताकि वे अपने करियर के सपनों को पूरा कर सकें।
महिला उपलब्धियों के लिए प्रेरणा: उन्होंने उन सफल महिलाओं को प्रेरित किया जो अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बनकर उन्हें अपने सपनों को साकार करने में मदद कर सकती हैं।
महिलाओं की हिस्सेदारी के आँकड़े: उन्होंने नागरिक उड्डयन क्षेत्र में विभिन्न भूमिकाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी का उल्लेख किया - 15% एयर ट्रैफिक कंट्रोलर, 11% फ्लाइट डिस्पैचर, और 9% एयरोस्पेस इंजीनियर महिलाएं हैं। इसके अलावा, पिछले वर्ष 18% वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस प्राप्त करने वाली महिलाएँ थीं।
सरकार के समावेशी प्रयास: मुर्मू ने कहा कि समावेशी सरकारी प्रयासों के कारण अधिक महिलाएं अब विमानन को करियर के रूप में चुन रही हैं, जिससे लैंगिक समावेशन को प्रोत्साहन मिल रहा है।
भारतीय नागरिक उड्डयन में महिला पायलटों का उच्च प्रतिशत: भारतीय नागरिक उड्डयन में कुल पायलटों में लगभग 12.4% महिलाएँ हैं, जो विश्व स्तर पर उच्चतम प्रतिशत में से एक है।
ये बिंदु भारत के नागरिक उड्डयन में महिलाओं की मजबूत उपस्थिति और समावेशिता को दर्शाते है
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